मोहब्बत अगर गुनाह है तो मंजूर है मुझे फांसी, मोहब्बत अगर गुनाह है तो मंजूर है मुझे फांसी,
ख़ुदा ने अंधेरों में भी मुझ को रौशनी दे दी। ख़ुदा ने अंधेरों में भी मुझ को रौशनी दे दी।
शान से मैं चलता था कोई शाह की तरह, आ गया हूँ दर दर पे क़ाफ़िले बदल डाले.... शान से मैं चलता था कोई शाह की तरह, आ गया हूँ दर दर पे क़ाफ़िले बदल डाले....
अब तो पैदा होने से पहले वह भी कहने लगी उस ख़ुदा से, ना भेज नारी बना कर दुनिया में .... अब तो पैदा होने से पहले वह भी कहने लगी उस ख़ुदा से, ना भेज नारी बना कर दुनिया मे...
तेरे दिल के किसी कोने में मेरी चाहत तो ज़िन्दा रहेगी, जब भी मुहब्बत की बात चलेगी मेरी मुहब्बत शर्मिं... तेरे दिल के किसी कोने में मेरी चाहत तो ज़िन्दा रहेगी, जब भी मुहब्बत की बात चलेगी...
पहुँचता है शमसान, कोंख से निकलकर फिर भी सातों समंदर पार करता है आदमी, दो रोटी व दो गज़ ज़मीन ही कमाई... पहुँचता है शमसान, कोंख से निकलकर फिर भी सातों समंदर पार करता है आदमी, दो रोटी व ...